शेयर बाजार की खासियत
'खरीदोगे' तो क़ीमत घट जायेगी
'बेच' दोगे तो बढ़ जायेगी
जो 'स्टॉपलोस' रखोगे तो HIT हो जायेगा
जो 'प्रॉफिट' बुक करोगे तो लगेगा कम PRICE पर ही EXIT हो गये
जो 'लॉस' बुक करोगे तो पछतावा होगा
ज़ब कुछ नहीं करोगे तो ऐसा लगेगा - सब कमा रहे है- साला मैं ही रह गया, किस्मत ही खराब है ...means regret, regret & regret in stock market
तो आखिर करना क्या है.?
Who remain cool,calm and do well planned,well informed systematic investment with proper stop loss can create a wealth from market, other wise
आसपास देखिये,
ज़ब एक तार पर कौआ बैठेगा तो सभी कौवे उसी तार पर बैठ जायेंगे
और.....जैसे ही एक भी कौवा उड़ा तो बाकी के सारे कौवे भी उड़ जायेंगे।
शेयर बाज़ार वाले इसे "सेंटीमेंट" कहते हैं
यहाँ बारिश में भींगता कोई है
छींक किसी और को आती है
और "बुखार " किसी और को।
यहाँ अपने आप को ज्यादा तीसमार खां समझने वाले ही ज्यादातर समय अपना नुकसान करते है और मुर्ख लोग कमाई कर लेते है।
यहाँ काम करनेवालों से ज्यादा
सलाहकार बने बैठें हैं
मुकेश अंबानी जी, टाटा जी, बिड़ला जी से उनके कम्पनी/व्यवसाय के बारे में ज्यादा जानकारी और चिंता उनके 5/10 शेयर खरीदनेवालों को होती है।
शेयर MARKET ये एक ऐसा माध्यम है, जहाँ बहुत अधीर लोगो के पैसे खूब धीरजवान लोंगो के खाते में आसानी से ट्रांसफर हो जाते है
EXAMPLE-
अगर कोई मक्खी किराने या सब्जी तौलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो कोई फर्क नही पड़ेगा।
लेकिन अगर वही मक्खी सोना तौलते हुए तराजू पर बैठ जाए तो उसकी कीमत हजारों में होगी।
हम कहाँ और किसके साथ बैठते हैं?
हमारा मूल्य और क़ीमत भी उसी आधार पर निर्धारित की जाती है।
सही STOCK का चुनाव करें,भावनाओं में बहकर या किसी को देख सुनकर निवेश न करें।सोच समझ कर निवेश करें, खुद ANALYSIS भी करें, अवश्य सफल होंगे।